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उस नगर के मुखिया उस गाय को बहुत जल वाली घाटी में लाएंगे। यह ऐसी घाटी होनी चाहिए जिसे कभी जोता न गया हो और न उसमें पेड़ पौधे रोपे गये हों। तब मुखियाओं को उस घाटी में वहीं उस गाय की गर्दन तोड़ देनी चाहिए। लेवीवंशी याजकों को वहाँ जाना चाहिए। (यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने इन याजकों को अपनी सेवा के लिए और अपने नाम पर आशीर्वाद देने के लिए चुना है। याजक यह निश्चित करेंगे कि झगड़े के विषय में कौन सच्चा है।) मारे गये व्यक्ति के समीपतम नगर के मुखिया अपने हाथों को उस गाय के ऊपर धोएंगे जिसकी गर्दन घाटी में तोड़ दी गई है।

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