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किन्तु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल,
    उनमें एक मात्र है।
जिस मां ने उसे जन्म दिया
    वह उस माँ की प्रिय है।
कुमारियों ने उसे देखा और उसे सराहा।
    हाँ, रानियों और सेविकाओं ने भी उसको देखकर उसकी प्रशंसा की थी।

स्त्रियों द्वारा उसकी प्रशंसा

10 वह कुमारियाँ कौन है
    वह भोर सी चमकती है।
    वह चाँद सी सुन्दर है,
    वह इतनी भव्य है जितना सूर्य,
    वह ऐसी अद्भुत है जैसे आकाश में सेना।

स्त्री का वचन

11 मैं गिरीदार पेड़ों के बगीचे में घाटी की बहार को
    देखने को उतर गयी,
    यह देखने कि अंगूर की बेले कितनी बड़ी हैं
    और अनार की कलियाँ खिली हैं कि नहीं।

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