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सभोपदेशक 1:4-6
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
सभोपदेशक 1:4-6
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
वस्तुएँ अपरिवर्तनशील हैं
4 एक पीढ़ी आती है और दूसरी चली जाती है किन्तु संसार सदा यूँ ही बना रहता है। 5 सूरज उगता है और फिर ढल जाता है और फिर सूरज शीघ्र ही उसी स्थान से उदय होने की शीघ्रता करता है।
6 वायु दक्षिण दिशा की ओर बहती है और वायु उत्तर की ओर बहने लगती है। वायु एक चक्र में घूमती रहती है और फिर वायु जहाँ से चली थी वापस वहीं बहने लगती है।
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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International