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यहोवा में सदा आनन्दित रहो

17 अंजीर के वृक्ष चाहे अंजीर न उपजायें,
    अंगूर की बेलों पर चाहे अंगूर न लगें,
वृक्षों के ऊपर चाहे जैतून न मिलें
    और चाहे ये खेत अन्न पैदा न करें,
बाड़ों में चाहे एक भी भेड़ न रहे
    और पशुशाला पशुधन से खाली हों।
18 किन्तु फिर भी मैं तो यहोवा में मग्न रहूँगा।
    मैं अपने रक्षक परमेश्वर में आनन्द लूँगा।
19 यहोवा, जो मेरा स्वामी है, मुझे मेरा बल देता है।
    वह मुझको वेग से हिरण सा भागने में सहायता देता है।
    वह मुझको सुरक्षा के साथ पहाड़ों के ऊपर ले जाता है।

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