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इस्राएल के लोग परमेश्वर को धोखा देने का जतन करते ही रहे।
    किन्तु अब तो उन्हें निज अपराधमानना चाहिये।
यहोवा उनकी वेदियों को तोड़ फेंकेगा,
    वह स्मृति—स्तूपों को तहस—नहस करेगा।

इस्राएलियों के बुरे निर्णय

अब इस्राएल के लोग कहा करते हैं, “न तो हमारा कोई राजा है और न ही हम यहोवा का मान करते हैं! और उसका राजा हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता है!”

वे वचन तो देते हैं। किन्तु वचन देते हुए बस वे झूठ ही बोलते हैं। वे उन वचनों का पालन नहीं करते! दूसरे देशों के साथ वे ऐसी संधि करते हैं, जो संधि परमेश्वर को नहीं भाती। न्यायाधीश जोते हुए खेत में उगने वाले जहरीले खरपतवार के जैसे हो गये हैं।

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