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“एप्रैम को मैंने ही चलना सिखाया था!
    इस्राएल को मैंने गोद में उठाया था!
और मैंने उन्हें स्वस्थ किया था!
    किन्तु वे इसे नहीं जानते हैं।
मैंने उन्हें डोर बांध कर राह दिखाई,
    डोर—वह प्रेम की डोर थी।
मैं उस ऐसे व्यक्ति सा था जिसने उन्हें स्वतंत्रता दिसाई,
    मैं नीचे की ओर झुका और मैंने उनको आहार दिया था।

“किन्तु इस्राएलियों ने परमेश्वर की ओर मुड़ने से मना कर दिया। सो वे मिस्र चले जायेंगे और अश्शूर का राजा उनका राजा बन जायेगा।

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