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12 भूकम्प के बाद वहाँ अग्नि थी। किन्तु वह आग यहोवा नहीं थी। आग के बाद वहाँ एक शान्त और मद्धिम स्वर सुनाई पड़ा।

13 जब एलिय्याह ने वह स्वर सुना तो उसने अपने अंगरखे से अपना मुहँ ढक लिया। तब वह गया और गुफा के द्वार पर खड़ा हुआ। तब एक वाणी ने उससे कहा, “एलिय्याह, यहाँ तुम क्यों हो?”

14 एलिय्याह ने उत्तर दिया, “यहोवा सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मैंने सर्वोत्म यथासम्भव तेरी सेवा की है। किन्तु इस्राएल के लोगों ने तेरे साथ की गई अपनी वाचा तोड़ी है। उन्होंने तेरी वेदियाँ नष्ट कीं। उन्होंने तेरे नबियों को मारा। मैं एकमात्र ऐसा नबी हूँ जो अभी तक जीवित है और अब वे मुझे मार डालने का प्रयत्न कर रहे हैं।”

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