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17 तब एलीशा ने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा, मैं तुझसे प्रार्थना करता हूँ कि तू मेरे सेवक की आँखें खोल जिससे वह देख सके।”

यहोवा ने युवक की आँखे खोलीं और सेवक ने देखा कि पूरा पर्वत अग्नि के घोड़ों और रथों से ढका पड़ा था। वे सभी एलीशा के चारों ओर थे!

18 ये आग के घोड़े और रथ एलीशा के पास आए। एलीशा ने यहोवा से प्रार्थना की और कहा, “मैं प्रार्थना करता हूँ कि तू इन लोगों को अन्धा कर दे।”

तब यहोवा ने अरामी सेना को अन्धा कर दिया, जैसे एलीशा ने प्रार्थना की थी। 19 एलीशा ने अरामी सेना से कहा, “यह उचित मार्ग नहीं है। यह उपयुक्त नगर नहीं है। मेरे पीछे आओ। मैं उस व्यक्ति के पास तुम्हें ले जाऊँगा जिसकी खोज तुम कर रहे हो।” तब एलीशा अरामी सेना को शोमरोन ले गया।

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