Add parallel Print Page Options

30 काबरकि हमन ओला जानथन, जऊन ह ए कहिस, “बदला लेवई मोर काम ए; मेंह बदला लूहूं”[a] अऊ ओह फेर ए कहिस, “परभू ह अपन मनखेमन के नियाय करही।”[b] 31 जीयत परमेसर के हांथ म पड़ई बहुंत भयानक बात ए।

Read full chapter

Footnotes

  1. 10:30 ब्यवस्था 32:35
  2. 10:30 ब्यवस्था 32:36; भजन-संहिता 135:14