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13 यहोवा की स्तुति मैंने गायी है: “हे यहोवा, मुझ पर दया कर।
    देख, किस प्रकार मेरे शत्रु मुझे दु:ख देते हैं।
    ‘मृत्यु के द्वार’ से तू मुझको बचा ले।
14 जिससे यहोवा यरूशलेम के फाटक पर मैं तेरी स्तुति गीत गा सकूँ।
    मैं अति प्रसन्न होऊँगा क्योंकि तूने मुझको बचा लिया।”

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