Add parallel Print Page Options

“राजामन के राजा अऊ परभूमन के परभू।”

17 तब मेंह एक स्‍वरगदूत ला सूरज ऊपर ठाढ़े देखेंव। ओह ऊंचहा अवाज म अकास मंडल म उड़त जम्मो चिरईमन ला पुकारके कहिस, “आवव! परमेसर के बड़े भोज म सामिल होय बर जूरव,

Read full chapter

18 ताकि तुमन राजा, सेनापति, सक्तिसाली मनखे, घोड़ा अऊ ओकर सवारमन के मांस, अऊ सुतंतर अऊ गुलाम, छोटे अऊ बड़े जम्मो झन के मांस खा सकव।”

Read full chapter