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परमेश्वर की आँखों के सामने चाँद तक चमकीला नहीं है।
    परमेश्वर की आँखों के सामने तारे निर्मल नहीं हैं।
मनुष्य तो बहुत कम भले है।
    मनुष्य तो बस गिंडार है एक ऐसा कीड़ा जो बेकार का होता है।”

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