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“हे बिल्दद, सोपर और एलीपज जो लोग दुर्बल हैं तुम सचमुच उनको सहारा दे सकते हो।
    अरे हाँ! तुमने दुर्बल बाँहों को फिर से शक्तिशाली बनाया है।
हाँ, तुमने निर्बुद्धि को अद्भुत सम्मत्ति दी है।
    कैसा महाज्ञान तुमने दिखाया है!
इन बातों को कहने में किसने तुम्हारी सहायता की?
    किसकी आत्मा ने तुम को प्रेरणा दी?

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