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इन बातों को कहने में किसने तुम्हारी सहायता की?
    किसकी आत्मा ने तुम को प्रेरणा दी?

“जो लोग मर गये है
    उनकी आत्मायें धरती के नीचे जल में भय से प्रकंपित हैं।
मृत्यु का स्थान परमेश्वर की आँखों के सामने खुला है,
    परमेश्वर के आगे विनाश का स्थान ढका नहीं है।

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