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19 उसके मुख से जलती हुई मशालें निकलती है
    और उससे आग की चिंगारियाँ बिखरती हैं।
20 लिब्यातान के नथुनों से धुआँ ऐसा निकलता है,
    जैसे उबलती हुई हाँडी से भाप निकलता हो।
21 लिब्यातान की फूँक से कोपले सुलग उठते हैं
    और उसके मुख से डर कर दूर भाग जाया करते हैं।

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