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उन्होंने उन गरीब लोगों को धक्का दे मुँह के बल गिराया और वे उनको कुचलते हुए गए। उन्होंने कष्ट भोगते लोगों की एक न सुनी। पिताओं और पुत्रों ने एक ही युवती के साथ शारीरिक सम्बंध किया। उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया है। उन्होंने गरीब लोगों के वस्त्रों को लिया और वे उन पर गलीचे की तरह तब तक बैठे जब तक वे वेदी पर पूजा करते रहे। उन्होंने गरीबों को उनके वस्त्र गिरवी रख कर सिक्के उधार दिये। उन्होंने लोगों को जुर्माना देने को मजबूर किया और उस जुर्माने की रकम से अपने परमेश्वर के मन्दिर में पीने के लिये दाखमधु खरीदी।

“किन्तु मैंने ही उनके पहले एमोरियों को नष्ट किया था। एमोरी ऊँचे बरगद के पेड़ की तरह थे। वे उतने शक्तिशाली थे जितने बांज के पेड़। किन्तु मैंने उनके ऊपर के फल तथा उनके नीचे की जड़ें नष्ट कीं।

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