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इस्राएल के व्यापारी केवल धन बनाने में लगे रहना चाहते हैं

मेरी सुनो! लोगों तुम असहायों को कुचलते हो।
    तुम इस देश के गरीबों को नष्ट करना चाहते हो।
व्यापारियों, तुम कहते हो,
    “नवचन्द्र कब बीतेगा, जिससे हम अन्न बेच सकेंगे
सब्त कब बीतेगा,
    जिससे हम अपना गेहूँ बेचने को ला सकेंगे
हम कीमतें बढ़ा सकेंगे,
    बाटों को हलका कर सकेंगे,
और हम तराजुओं को ऐसा व्यवस्थित कर लेंगे
    कि लोगों को ठग सकें।
गरीब अपना ऋण वापस नहीं कर सकते अत:
    हम उन्हें दास के रूप में खरीदेंगे।
हम उऩ गरीबों को
    एक जोड़ी जूतों की कीमत में खरीदेंगे।
अहो! हम उस खराब गेहूँ को भी बेच सकते हैं,
    जो फर्श पर बिखर गया हो।”

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