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10 जिससे यह पुष्टि हो कि हमारे किन कामों से परमेश्वर संतुष्ट होते हैं. 11 अन्धकार के निष्फल कामों में शामिल न हो परन्तु उन्हें संकोच प्रकाश में लाओ. 12 उन कामों की तो चर्चा करना भी लज्जास्पद है, जो अनाज्ञाकारियों द्वारा गुप्त में किए जाते हैं.

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