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36 तुम्हें धैर्य की आवश्यकता है ताकि तुम जब परमेश्वर की इच्छा पूरी कर चुको तो जिसका वचन उसने दिया है, उसे तुम पा सको। 37 क्योंकि बहुत शीघ्र ही,

“जिसको आना है
    वह शीघ्र ही आएगा,
38 मेरा धर्मी जन विश्वास से जियेगा
    और यदि वह पीछे हटेगा तो
मैं उससे प्रसन्न न रहूँगा।”(A)

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