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बंदियों को इस रूप में याद करो जैसे तुम भी उनके साथ बंदी रहे हो। जिनके साथ बुरा व्यवहार हुआ है उनकी इस प्रकार सुधि लो जैसे मानो तुम स्वयं पीड़ित हो।

विवाह का सब को आदर करना चाहिए। विवाह की सेज को पवित्र रखो। क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों और दुराचारियों को दण्ड देगा। अपने जीवन को धन के लालच से मुक्त रखो। जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी में संतोष करो क्योंकि परमेश्वर ने कहा है:

“मैं तुझको कभी नहीं छोड़ूँगा;
    मैं तुझे कभी नहीं तजूँगा।”(A)

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