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यह विश्वास ही था कि अब तक अनदेखी वस्तुओं के विषय में नोहा को परमेश्वर से चेतावनी प्राप्त हुई और नोहा ने अत्यन्त भक्ति में अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक विशाल जलयान का निर्माण किया तथा विश्वास के द्वारा संसार को धिक्कारा और मीरास में उस धार्मिकता को प्राप्त किया, जो विश्वास से प्राप्त होता है.

यह विश्वास ही था, जिसके द्वारा अब्राहाम ने परमेश्वर के बुलाने पर घर-परिवार का त्याग कर एक अन्य देश को चले जाने के लिए उनकी आज्ञा का पालन किया—वह देश, जो परमेश्वर उन्हें मीरास में देने पर थे. वह यह जाने बिना ही चल पड़े कि वह कहाँ जा रहे थे. वह विश्वास के द्वारा ही उस प्रतिज्ञा किए हुए देश में परदेशी बन कर रहे, मानो विदेश में. उन्होंने इसहाक और याक़ोब के साथ तम्बुओं में निवास किया, जो उसी प्रतिज्ञा के साथ वारिस थे.

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