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वह विश्वास के द्वारा ही उस प्रतिज्ञा किए हुए देश में परदेशी बन कर रहे, मानो विदेश में. उन्होंने इसहाक और याक़ोब के साथ तम्बुओं में निवास किया, जो उसी प्रतिज्ञा के साथ वारिस थे. 10 उनकी दृष्टि उस स्थायी नगर की ओर थी, जिसके रचने वाले और बनाने वाले परमेश्वर हैं.

11 यह विश्वास ही था कि साराह ने भी गर्भधारण की सामर्थ प्राप्त की हालांकि उनकी अवस्था इस योग्य नहीं रह गई थी. उन्होंने विश्वास किया कि परमेश्वर, जिन्होंने इसकी प्रतिज्ञा की थी, विश्वासयोग्य हैं.

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