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आपसी प्रेम, सौहार्द व आज्ञाकारिता सम्बन्धी निर्देश

13 भाईचारे का प्रेम लगातार बना रहे. अपरिचितों का अतिथि-सत्कार करना न भूलो. ऐसा करने के द्वारा कुछ ने अनजाने ही स्वर्गदूतों का अतिथि-सत्कार किया था. बन्दियों के प्रति तुम्हारा व्यवहार ऐसा हो मानो तुम स्वयं उनके साथ बन्दीगृह में हो. सताए जाने वालों को न भूलना क्योंकि तुम सभी एक शरीर के अंग हो.

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