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28 इब्राहीम ने सदोम और अमोरा नगरों की ओर नज़र डाली। इब्राहीम ने उस घाटी की पूरी भूमि की ओर देखा। इब्राहीम ने उस प्रदेश से उठते हुए घने धुँए को देखा। बड़ी भयंकर आग से उठते धुँए के समान वह दिखाई पड़ा।

29 घाटी के नगरों को परमेश्वर ने नष्ट कर दिया। जब परमेश्वर ने यह किया तब इब्राहीम ने जो कुछ माँगा था उसे उसने याद रखा। परमेश्वर ने लूत का जीवन बचाया लेकिन परमेश्वर ने उस नगर को नष्ट कर दिया जिसमें लूत रहता था।

लूत और उसकी पुत्रियाँ

30 लूत सोअर में लगातार रहने से डरा। इसलिए वह और उसकी दोनों पुत्रियाँ पहाड़ों में गये और वहीं रहने लगे। वे वहाँ एक गुफा में रहते थे।

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