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32 इसलिए हम लोग अपने पिता का उपयोग बच्चों को जन्म देने के लिए करें जिससे हम लोगों का वंश चल सके। हम लोग अपने पिता के पास चलेंगे और दाखरस पिलायेंगे तथा उसे मदहोश कर देंगे। तब हम उसके साथ सो सकते हैं।”

33 उस रात दोनों पुत्रियाँ अपने पिता के पास गईं और उसे उन्होंने दाखरस पिलाकर मदहोश कर दिया। तब बड़ी पुत्री पिता के बिस्तर में गई और उसके साथ सोई। लूत अधिक मदहोश था इसलिए यह न जान सका कि वह उसके साथ सोया।

34 दूसरे दिन बड़ी पुत्री ने छोटी से कहा, “पिछली रात मैं अपने पिता के साथ सोई। आओ इस रात फिर हम उसे दाखरस पिलाकर मदहोश कर दें। तब तुम उसके बिस्तर में जा सकती हो और उसके साथ सो सकती हो। इस तरह हम लोगों को अपने पिता का उपयोग बच्चों को जन्म देकर अपने वंश को चलाने के लिए करना चाहिए।”

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