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देखों मेरी दो पुत्रियाँ हैं, वे इसके पहले किसी पुरुष के साथ नहीं सोयी हैं। मैं अपनी पुत्रियों को तुम लोगों को दे देता हूँ। तुम लोग उनके साथ जो चाहो कर सकते हो। लेकिन इन व्यक्तियों के साथ कुछ न करो। ये लोग हमारे घर आए हैं और मैं इनकी रक्षा जरूर करूँगा।”

घर के चारों ओर के लोगों ने उत्तर दिया, “रास्ते से हट जाओ।” तब पुरुषों ने अपने मन में सोचा, “यह व्यक्ति लूत हमारे नगर में अतिथि के रूप में आया। अब यह सिखाना चाहता है कि हम लोग क्या करें।” तब लोगों ने लूत से कहा, “हम लोग उनसे भी अधिक तुम्हारा बुरा करेंगे।” इसलिए उन व्यक्तियों ने लूत को घेर कर उसके निकट आना शुरू किया। वे दरवाज़े को तोड़कर खोलना चाहते थे।

10 किन्तु लूत के साथ ठहरे व्यक्तियों ने दरवाज़ा खोला और लूत को घर के भीतर खींच लिया। तब उन्होंने दरवाज़ा बन्द कर लिया।

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