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27 इसहाक ने पूछा, “तुम मुझे देखने क्यों आए हो? तुम इसके पहले मेरे साथ मित्रता नहीं रखते थे। तुमने मुझे अपना देश छोड़ने को विवश किया।”

28 उन्होंने जवाब दिय, “अब हम लोग जानते हैं कि यहोवा तुम्हारे साथ है। हम चाहते हैं कि हम तुम्हारे साथ एक वाचा करें। हम चाहते हैं कि तुम हमें एक वचन दो। 29 हम लोगों ने तुम्हें चोट नहीं पहुँचाई, अब तुम्हें यह वचन देना चाहिए कि तुम हम लोगों को चोट नहीं पहुँचाओगे। हम लोगों ने तुमको भेजा। लेकिन हम लोगों ने तुम्हें शान्ति से भेजा। अब साफ है कि यहोवा ने तुम्हें आशीर्वाद दिया है।”

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