Add parallel Print Page Options

11-12 परमेश्वर ने पृथ्वी पर दृष्टि की और उसने देखा कि पृथ्वी को लोगों ने बर्बाद कर दिया हैं। हर जगह हिंसा पैली हुई है। लोग पापी और भ्रष्ट हो गए है, और उन्होंने पृथ्वी पर अपना जीवन बर्बाद कर दिया है।

13 इसलिए परमेश्वर ने नूह से कहा, “सारे लोगों ने पृथ्वी को क्रोध और हिंसा से भर दिया है। इसलिए मैं सभी जीवित प्राणियों को नष्ट करूँगा। मैं उनको पृथ्वी से हटाऊँगा। 14 गोपेर की लकड़ी[a] का उपयोग करो और अपने लिए एक जहाज बनाओ। जहाज में कमरे बनाओ[b] और उसे राल से भीतर और बाहर पोत दो।

Read full chapter

Footnotes

  1. 6:14 गोपेर की लकड़ी हम नहीं जानते कि यह असल में किस तरह की लकड़ी है। शायद यह एक किस्म का पेड़ हो या तराशी हुई लकड़ी।
  2. 6:14 जहाज में कमरे बनाओ जहाज के लिए तैल—जूट आदि बनाओ, “ये छोटे पौधे हो सकते हैं जो जहाजों के जोड़ों में घुसाए जाते थे और राल से पोते दिए।”