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25 एज्रा मैं तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्राप्त बुद्धि के उपयोग तथा सरकारी और धार्मिक न्यायाधीशों को चुनने का अधिकार देता हूँ। ये लोग फरात नदी के पश्चिम में रहने वाले सभी लोगों के लिये न्यायाधीश होंगे। वे उन सभी लोगों का न्याय करेंगे जो तुम्हारे परमेश्वर के नियमों को जानते हैं। यदि कोई व्यक्ति उन नियमों को नहीं जानता तो वे न्यायाधीश उसे उन नियमों को बताएंगे। 26 यदि कोई ऐसा व्यक्ति हो जो तुम्हारे परमेश्वर के नियमों या राजा के नियमों का पालन नाहीं करता हो, तो उसे अवश्य दण्डित किया जाना चाहिये। अपराध के अनुसार उसे मृत्यु दण्ड, देश निकाला, उसकी सम्पत्ति को जब्त करना या बन्दीगृह में डालने का दण्ड दिया जाना चाहिए।

एज्रा परमेश्वर की स्तुति करता है

27 [a] हमारे पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा की स्तुति करो। उस ने राजा के मन में ये विचार डाला कि वह यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर का सम्मान करे।

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Footnotes

  1. 7:27 इस पुस्तक का मूल पाठ अरामी भाषा से हिब्रू भाषा में हो गया है।