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20 दानिय्येल ने कहा:

“परमेश्वर के नाम की सदा प्रशंसा करो!
    शक्ति और सामर्थ्य उसमें ही होते हैं!
21 वह ही समय को बदलता है वह ही वर्ष के ऋतओं को बदलता है।
    वह ही राजाओं को बदलता है।
    वही राजाओं को शक्ति देता है और वही छीन लेता है।
वही बुद्धि देता है और लोग बुद्धिमान बन जाते हैं।
    वही लोगों को ज्ञान देता है और लोग ज्ञानी बन जाते हैं।
22 वह गहन और छिपे रहस्यों का ज्ञाता है जो समझ पाना कठिन है।
    उसके संग प्रकाश बना रहता है,
    सो इसी से वह जानता है कि अंधेर में और रहस्य भरे स्थानों में क्या है!

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