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15 तू यह सब काम कर सकता है किन्तु फिर भी आग तुझे पूरी तरह नष्ट कर देगी और तलवार तुझे मार डालेगी। तेरी धरती ऐसी दिखाई देगी जैसे उस पर कोई टिड्डी दल आया हो और सब कुछ चट कर गया हो।

नीनवे, तू बढ़ता ही चला गया। तू एक टिड्डी दल के जैसा हो गया। तू टिड्डी का झुण्ड बन गया। 16 तेरे यहाँ अनेकानेक व्यापारी हो गये जो अनेक स्थानों पर जा कर वस्तुएँ खरीदा करते थे। वे इतने अनगिनत हो गये जितने आकाश में तारे हैं! वे उस टिड्डी दल के जैसे हो गये, जो खाता है और सब कुछ को उस समय तक खाता रहता है जब तक वह समाप्त नहीं हो जाती और फिर छोड़ कर चला जाता है। 17 तेरे सरकारी हाकिम भी टिड्डियों जैसे ही हैं। ये उन टिड्डियों के समान हैं जो ठण्डे के दिन एक चट्टान पर बैठ जाती है, किन्तु जब सूरज चढ़ने लगता है और चट्टान गर्म होने लगती है तो वह कहीं दूर उड़ जाती है। कोई नहीं जानता, वे कहाँ चली गयीं! तेरे हाकिम भी ऐसे ही होंगे।

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