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29 हे मेरे परमेश्वर! उन्हें याद रख क्योंकि उन्होंने याजकपन को भ्रष्ट किया था। उन्होंने याजकनपन को ऐसा बना दिया था जैसे उसका कोई महत्व ही न हो। तूने याजकों और लेवियों के साथ जो वाचा की थी, उन्होंने उसका पालन नहीं किया। 30 सो मैंने हर किसी बाहरी वस्तु से याजकों और लेवियों को पवित्र एवं स्वच्छ बना दिया है तथा मैंने प्रत्येक पुरुष को उसके अपने कर्तव्य और दायित्व भी सौंपे हैं। 31 मैंने लकड़ी के उपहारों और एक निश्चित समय पर पहले फलों को लाने सम्बन्धी योजनाएँ भी बना दी हैं।

हे मेरे परमेश्वर! इन अच्छे कामों के लिये तू मुझे याद रख।

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