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“तब तुम दूसरा तम्बू बनाओगे जो पवित्र तम्बू को ढकेगा। इस तम्बू को बनाने के लिए बकरियों के बाल से बनी ग्यारह कनातों का उपयोग करो। ये सभी कनातें एक बराबर होनी चाहिए। वे पन्द्रह गज[a] लम्बी और दो गज चौड़ी होनी चाहिए। एक भाग में पाँच कनातों को एक साथ सीओ तब बाकी छः कनातों को दूसरे भाग में एक साथ सीओ। छठी कनात का उपयोग तम्बू के सामने के पर्दे के लिए करो। इसे इस प्रकार लपेटो कि यह द्वार की तरह खुले।

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Footnotes

  1. 26:8 पन्द्रह गज शाब्दिक, “तीस हाथ।”