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12 जो शिक्षा और अनुशासन से प्रेम करता है, वह तो ज्ञान से प्रेम यूँ ही करता है। किन्तु जो सुधार से घृणा करता है, वह तो निरा मूर्ख है।

सज्जन मनुष्य यहोवा की कृपा पाता है, किन्तु छल छंदी को यहोवा दण्ड देता है।

दुष्टता, किसी जन को स्थिर नहीं कर सकती किन्तु धर्मी जन कभी उखाड़ नहींपाता है।

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