Font Size
नीतिवचन 23:28-30
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
नीतिवचन 23:28-30
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
28 वह घात में रहती है जैसे कोई डाकू और वह लोगों में विश्वास हीनों की संख्या बढ़ाती है।
—18—
29-30 कौन विपत्ति में है कौन दुःख में पड़ा है कौन झगड़े—टंटों में किसकी शिकायतें हैं कौन व्यर्थ चकना चूर किसकी आँखें लाल हैं वे जो निरन्तर दाखमधु पीते रहते हैं और जिसमें मिश्रित मधु की ललक होती है!
Read full chapter
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International