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ये धन सम्पत्तियाँ देखते ही देखते लुप्त हो जायेंगी निश्चय ही अपने पंखों को फैलाकर वे गरूड़ के समान आकाश में उड़ जायेंगी।

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ऐसे मनुष्य का जो सूम भोजन होता है तू मत कर; तू उसके पकवानों को मत ललचा। क्योंकि वह ऐसा मनुष्य है जो मन में हरदम उसके मूल्य का हिसाब लगाता रहता है; तुझसे तो वह कहता, “तुम खाओ और पियो” किन्तु वह मन से तेरे साथ नहीं है।

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