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मूर्ख के मुख में सूक्ति ऐसे होती है जैसे शराबी के हाथ में काँटेदार झाड़ी हो।

10 किसी मूर्ख को या किसी अनजाने व्यक्ति को काम पर लगाना खतरनाक हो सकता है। तुम नहीं जानते कि किसे दुःख पहुँचेगा।

11 जैसे कोई कुत्ता कुछ खा करके बीमार हो जाता है और उल्टी करके फिर उसको खाता है वैसे ही मूर्ख अपनी मूर्खता बार—बार दोहराता है।

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