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27 एक दिन शकेम के लोग अपने बागों में अंगूर तोड़ने गाए। लोगों ने दाखमधु बनाने के लिये अगूरों को निचोड़ा और तब उन्होंने अपने देवता के मन्दिर पर एक दावत दी। लोगों ने खाया और दाखमधु पी। तब अबीमेलेक को अभिशाप दिया।

28 तब एबेद के पुत्र गाल ने कहा, “हम लोग शकेम के व्यक्ति हैं। हम अबीमेलेक की आज्ञा क्यों मानें? वह अपने को क्या समझता है? यह ठीक है कि अबीमेलेक यरुब्बाल के पुत्रों में से एक है और अबीमेलेक ने जबूल को अपना अधिकारी बनाया, यह ठीक है? हमें अबीमेलेक की आज्ञा नहीं माननी चाहिए। हमें हमोर के लोगों की आज्ञा माननी चाहिए। (हमोर शकेम का पिता था।) 29 यदि आप मुझे इन लोगों का सेनापति बनाते हैं तो मैं अबीमेलेक से मुक्ति दिला दूँगा। मैं उससे कहूँगा, ‘अपनी सेना को तैयार करो और युद्ध के लिये आओ।’”

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