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तब मैंने पवित्र नगरी, नई येरूशालेम को स्वर्ग से, परमेश्वर की ओर से उतरते हुए देखा. वह अपने वर के लिए खुबसूरती से सजाई गई वधू के जैसे सजी थी. तब मैंने सिंहासन से एक ऊँचे शब्द में यह कहते सुना, “देखो! मनुष्यों के बीच में परमेश्वर का निवास! अब परमेश्वर उनके बीच निवास करेंगे. वे उनकी प्रजा होंगे तथा स्वयं परमेश्वर उनके बीच होंगे. परमेश्वर उनकी आँखों से हर एक आँसू पोंछ देंगे. अब से मृत्यु मौजूद न रहेगी. अब न रहेगा विलाप, न रोना और न पीड़ा क्योंकि जो पहली बातें थीं, अब वे न रहीं.”

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