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24 इस पर शमौन ने उत्तर दिया, “तुम प्रभु से मेरे लिये प्रार्थना करो ताकि तुमने जो कुछ कहा है, उसमें से कोई भी बात मुझ पर न घटे!”

25 फिर प्रेरित अपनी साक्षी देकर और प्रभु का वचन सुना कर रास्ते के बहुत से सामरी गाँवों में सुसमाचार का उपदेश करते हुए यरूशलेम लौट आये।

कूश से आये व्यक्ति को फिलिप्पुस का उपदेश

26 प्रभु के एक दूत ने फिलिप्पुस को कहते हुए बताया, “तैयार हो, और दक्षिण दिशा में उस राह पर जा, जो यरूशलेम से गाजा को जाती है।” (यह एक सुनसान मार्ग है।)

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