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सो जब चलते चलते वह दमिश्क के निकट पहुँचा, तो अचानक उसके चारों ओर आकाश से एक प्रकाश कौंध गया और वह धरती पर जा पड़ा। उसने एक आवाज़ सुनी जो उससे कह रही थी, “शाऊल, अरे ओ शाऊल! तू मुझे क्यों सता रहा है?”

शाऊल ने पूछा, “प्रभु, तू कौन है?”

वह बोला, “मैं यीशु हूँ जिसे तू सता रहा है।

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