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24 दूसरे दिन वे कयसरिया नगर पहुँचे. कॉरनेलियॉस उन्हीं की प्रतीक्षा कर रहे थे. उन्होंने अपने सम्बन्धियों और घनिष्ठ मित्रों को आमन्त्रित किया हुआ था. 25 जैसे ही पेतरॉस ने उनके निवास में प्रवेश किया, कॉरनेलियॉस ने उनके चरणों में गिर कर उनकी स्तुति की 26 किन्तु पेतरॉस ने उन्हें उठाते हुए कहा, “उठिए! मैं भी मात्र मनुष्य हूँ.”

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