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स्वर्गदूत के जाते ही कॉरनेलियॉस ने अपने दो सेवकों तथा उनकी निरन्तर सेवा के लिए ठहराए हुए एक भक्त सैनिक को बुलवाया तथा उन्हें सारी स्थिति के बारे में बताते हुए योप्पा नगर भेज दिया.

ये लोग दूसरे दिन छठे घण्टे के लगभग योप्पा नगर के पास पहुँचे. उसी समय पेतरॉस घर की खुली छत पर प्रार्थना करने गए थे.

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