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प्रेरित 25:11-13
Saral Hindi Bible
प्रेरित 25:11-13
Saral Hindi Bible
11 यदि मैं अपराधी ही हूँ और यदि मैंने मृत्युदण्ड के योग्य कोई अपराध किया ही है, तो मुझे मृत्युदण्ड स्वीकार है. किन्तु यदि इन यहूदियों द्वारा मुझ पर लगाए आरोप सच नहीं हैं तो किसी को यह अधिकार नहीं कि वह मुझे इनके हाथों में सौंपे. यहाँ मैं अपनी सुनवाई की याचिका कयसर के न्यायालय में भेज रहा हूँ.”
12 अपनी महासभा से विचार-विमर्श के बाद फ़ेस्तुस ने घोषणा की, “ठीक है. तुमने कयसर से सुनवाई की विनती की है तो तुम्हें कयसर के पास ही भेजा जाएगा.”
राजा अग्रिप्पा के सामने पौलॉस
13 कुछ समय बाद राजा अग्रिप्पा तथा बेरनिके फ़ेस्तुस से भेंट करने कयसरिया नगर आए.
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Saral Hindi Bible (SHB)
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