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20 मैं समझ नहीं पा रहा था कि इस प्रकार के विषय का पता कैसे किया जाए. इसलिए मैंने यह जानना चाहा, क्या वह येरूशालेम में मुकद्दमा चलाए जाने के लिए राज़ी है. 21 किन्तु पौलॉस की इस विनती पर कि सम्राट के निर्णय तक उसे कारावास में रखा जाए, मैंने उसे कयसर के पास भेजे जाने तक बन्दी बनाए रखने की आज्ञा दी है.”

22 राजा अग्रिप्पा ने फ़ेस्तुस से कहा, “मैं स्वयं उसका बचाव सुनना चाहूँगा.”

फ़ेस्तुस ने उसे आश्वासन देते हुए कहा, “ठीक है, कल ही सुन लीजिएगा.”

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