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पौलॉस के वहाँ आने पर येरूशालेम से आए यहूदियों ने उन्हें घेर लिया और उन पर अनेक गम्भीर आरोपों की बौछार शुरु कर दी, जिन्हें वे स्वयं साबित न कर पाए.

अपने बचाव में पौलॉस ने कहा, “मैंने न तो यहूदियों की व्यवस्था के विरुद्ध किसी भी प्रकार का अपराध किया है और न ही मन्दिर या कयसर के विरुद्ध.”

फिर भी यहूदियों को प्रसन्न करने के उद्धेश्य से फ़ेस्तुस ने पौलॉस से प्रश्न किया, “क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारे इन आरोपों की सुनवाई मेरे सामने येरूशालेम में हो?”

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