Add parallel Print Page Options

16 ‘किन्तु उठो, खड़े हो जाओ क्योंकि तुम्हें दर्शन देने का मेरा उद्धेश्य यह है कि न केवल, जो कुछ तुमने देखा है परन्तु वह सब, जो मैं तुम्हें अपने विषय में दिखाऊँगा, उसके लिए तुम्हें सेवक और गवाह ठहराऊँ. 17 यहूदियों तथा अन्यजातियों से, जिनके बीच मैं तुम्हें भेज रहा हूँ, मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा 18 कि उनकी आँखें खोलूँ तथा उन्हें अन्धकार से निकाल कर ज्योति में और शैतान के अधिकार से परमेश्वर के राज्य में ले आऊँ कि वे पाप-क्षमा प्राप्त कर सकें और उनके सामने आ जाएँ, जो मुझ में विश्वास के द्वारा परमेश्वर के लिए अलग किए गए हैं.’”

Read full chapter