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19 “इसलिए महाराज अग्रिप्पा, मैंने स्वर्गीय दर्शन की बात नहीं टाली. 20 मैंने सबसे पहिले दमिश्क नगर में, इसके बाद येरूशालेम तथा सारे यहूदिया प्रदेश तथा अन्यजातियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चाताप करके परमेश्वर की ओर लौट आएँ तथा अपने स्वभाव के द्वारा अपने पश्चाताप को प्रमाणित करें.

21 “यही वह कारण है कि कुछ यहूदियों ने मन्दिर में मुझे पकड़कर मेरी हत्या करनी चाही.

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