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“मेरे देश तथा येरूशालेम में सभी यहूदी मेरी युवावस्था से लेकर अब तक की जीवनशैली से अच्छी तरह से परिचित हैं. इसलिए कि लंबे समय से वे मुझसे परिचित हैं, वे चाहें तो, इस सच्चाई की गवाही भी दे सकते हैं कि मैंने फ़रीसी सम्प्रदाय के अनुरूप, जो कट्टरतम मत है, जीवन जिया है. आज मैं परमेश्वर द्वारा हमारे पूर्वजों को दी गई प्रतिज्ञा की आशा के कारण यहाँ दोषी के रूप में खड़ा हूँ.

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