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22 मिस्र देश की सारी विद्या में मोशेह को प्रशिक्षित किया गया. वह बातचीत और कर्तव्य पालन करने में प्रभावशाली थे.

23 “जब मोशेह लगभग चालीस वर्ष के हुए, उनके मन में अपने इस्राएली बन्धुओं से भेंट करने का विचार आया. 24 वहाँ उन्होंने एक इस्राएली के साथ अन्याय से भरा व्यवहार होते देख उसकी रक्षा की तथा सताए जाने वाले के बदले में मिस्रवासी की हत्या कर दी.

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